सँभल ऐ दिल

जब कभी मेरे पतिदेव किसी जिरह में मुझसे हार जाते हैं तो कहते हैं- “तुमसे कोई नहीं जीत सकता।”

बस इसी ब्रह्मवाक्य के भरोसे मैंने कॉंटेस्ट के लिए किताब लिख डाली है। आप सब पर ज़िम्मेदारी है, इस पूरे यूनिवर्स पर ज़िम्मेदारी है कि कन्स्पिरसी करे और मुझे जिताए।

इस शनिवार और रविवार किताब ऐमज़ॉन पर फ़्री डाउनलोड के लिए उपलब्ध रहेगी। तो लग जाइए काम पर। ख़ुद डाउनलोड करिए और परिवारजनों तथा मित्रों को भी डाउनलोड करवा दीजिए। दुश्मनों को भी ना बख्शें। अकेले आप ही क्यूँ डसे जाएँ? बाँटने से दुःख हल्का हो जाता है। तो सबमें बाँट दीजिए।

लागी छूटे ना

दीपक की याद तो बहुत आती, लेकिन यह दुआ करने में उसके होंठ कांपते थे कि दीपक लौट आये। दीपक के लौट आने के ख़याल से मालती डर क्यूँ रही थी?

ये क्या है, यार?

यार, फ़िल्मों में जब भी सिचुएशन बनती है, तो हीरो, हीरोइन गाना गाते हैं कि नहीं?

अगर वो नहीं गाते तो बैकग्राउंड में गाना बजता है कि नहीं?

वो तो नहीं कहते कि कौन है ये जो बकवास कर रहा है?

यहाँ तक कि पास खड़ा भिखारी भी अगर उनकी सिचुएशन पर बैठता कोई गाना गा रहा हो, तो वो उससे भी ऐसी अभद्रता नहीं करते।

यहाँ घर बैठे-बिठाए इज़्ज़त का भजिया बन गया।

पुनीता

ओहो! तो पुनीता जी, आप अपने अतीत से मिलने से डर रही हो। उफ़्फ़! ये फ़िल्मी संस्कार! सचिन के लिये बुरा लग रहा है ना कि वो अपनी पुरानी पुनीता को ना पाकर दुखी होगा?

फ्री इश्क़!

उत्कर्ष सीमा के झूठ से बौखला गया और उसने बढ़कर सीमा का गला पकड़ लिया। उसकी आँखों से ग़ुस्से की चिंगारियाँ फूट रही हैं। उसने हाँफते हुए कहा- ‘तुम्हें मारना था। और पूछना था कि मुझसे क्या बदला लेना था तुम्हें?’ कहते हुए उसकी पकड़ और मज़बूत हो गयी और सीमा का मुँह एक बुझी आह के साथ खुल गया। आह की भाप उत्कर्ष के चेहरे तक पहुँची तो उसकी उँगलियाँ काँपने लगीं। उसने झटके से सीमा को छोड़ दिया।
‘कह नहीं सकती थी? सब छोड़कर आ गयी।’ वो ग़ुस्से का दम घोंटता हुआ दबी से चीख में बोला।
‘वो बात जो तुम मेरे बिन कहे ही जानते थे, उसे क्या कहना?’ सीमा की आँखों में आँसू डबडबाने लगे।

प्रवासी

मुझे बख़ूबी याद है कि अब तक मैं जिस जगह भी रही हूँ, वहाँ किराएदारों और मकानमालिकों के बीच एक भेदभाव रहता है। चाहे इंडिया हो या ऑस्ट्रेल्या, दोनों ही जगह सोसायटी में owners का एक ग्रूप होता है। ये owners सिर्फ़ अपने घर के owners नहीं होते, बल्कि सोसायटी के ज़्यादातर नियम क़ानून बनाने…

डे जा वू

अरे! अभी तक यही चल रहा है? हम तो कहाँ कहाँ होकर आ गए।

बकेट लिस्ट

मेरी बकेट लिस्ट

एक कहानी लिखनी है ट्रुगनीनी की
एक उपन्यास पूरा करना है सरिता वाला
मेडिटेशन शुरू करना है
डान्स शुरू करना है
फ़ालतू का समय ढूँढना है

अब आप लोग बताइए आपकी बकेट लिस्ट में क्या क्या है? उसमें से कुछ भाया तो मैं भी add कर लूँगी।

रूठना मनाना

मैंने किचन का रुख़ किया और गाने लगी “रूठे यार नू मना ले कमलेया, कि रब आपे मन जावेगा” इस गाने में जो आठ-दस लोग ऐठें हुए अजय देवगन से रूठे यार को मनाने की म्यूज़िकल अपील कर रहे थे, वो अब मुझसे फ़रियाद कर रहे थे। मेरे सामने हाथ पैर जोड़ रहे थे। “ओ, रूठे यार नू मना ले” की टेर लगा रहे थे। मेरा मूड अच्छा हो गया। गाते हुए मैंने उनकी फ़ेवरेट डिश बनानी शुरू की।

भटकन

कुछ गर्म साँसें, एक किस और एक टाइट हग इससे ज़्यादा क्या चाहिए तुझे भटकने को ए लड़की?