आ, मुझे छू ले

आ आ आ’ वाला अलाप शुरू हो जाता है और वो जिस तरह से ख़तम होता है, ऐसा लगता है कि कुछ लोग जो छूने की कोशिश में भाग रहे थे, वो हाँफने लगे हों।

दिल ने दिल से क्या कहा

दिल किया बस यूँही सब ऐसे ही चलता रहे.. वो गाता रहे, बस, गाता रहे, लड़की सुनती रहे, सुनती रहे और सायकिल चलती रहे.. पर जनाब, सब कुछ चाहा हुआ ही हो जाए तो क्या कहने…

मचलते संगीत की संगति

किसी स्वेटर की तरह धागा-धागा खुलती जाती हूँ और अपने आप को खोती जाती हूँ। गीत ख़तम होने के कुछ देर बाद तलक खुले हुए ऊन के ढेर की सूरत में बिखरी रहती हूँ

कोई देखे

क्षण भर में अनगिनत उतार-चढ़ाव पर सधते सुर जैसे उसके दिमागी असंतुलन का रूपक हैं, जो उमींद और मायूसी में लड़खड़ा रहा है । नायिका इस समय अन्दर ही अन्दर बिखर रही है,

साहिर लुधियानवी

ऐसा कुछ कर जाएँ, यादों में बस जाएँ, सदियों जहान में हो चर्चा हमारा ।
दिल करदा ओ यारा दिलदारा मेरा दिल करदा ।।

Panchhi banoo urhati phiroo…..

Being a music lover person I feel music is much much more than Ragas and Lyrics. It has the power to move you in a different dimension of ecstasy and it is very deeply rooted in our psychology. Kids are first introduced to Rhymes and then anything else. Remember, When we were children, used to greet “Good…