कहीं दूर

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शाख़ से यकायक फूल आ गिरे मेरे बालों में,

ज़रूर तुम खिलखिलाए होगे, कहीं, किसी बात पर…

ठन्डी सी हवा छूकर गुज़री मुझे,

ज़रूर तुम मुस्कुराये होगे, कहीं, किसी बात पर…

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