poetry कहीं दूर द्वारा प्रकाशित किया गया hemasha on अप्रैल 2, 2017अप्रैल 2, 2017 शाख़ से यकायक फूल आ गिरे मेरे बालों में, ज़रूर तुम खिलखिलाए होगे, कहीं, किसी बात पर… ठन्डी सी हवा छूकर गुज़री मुझे, ज़रूर तुम मुस्कुराये होगे, कहीं, किसी बात पर… इसे शेयर करे:TwitterFacebookपसंद करें लोड हो रहा है... Related